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Padosi ke Saath Sex ki Stories
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आंटी को उसके पति के सामने चोदा

By Sonixx At July 29, 2016 08:37:57pm

प्रेषक : मोंटी …

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मोंटी है और में 32 साल का हूँ। में मुंबई से हूँ और में मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता हूँ, हाईट 6 फुट, वजन 75 किलोग्राम है। अब जो स्टोरी में आपको बताने जा रहा हूँ वो बिल्कुल सच्ची स्टोरी है। अब में आपका समय ज्यादा ख़राब ना करते हुए सीधा स्टोरी पर आता हूँ। में अपने मम्मी पापा के साथ मुंबई में रहता हूँ और एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता हूँ। मेरे ऑफिस का टाईम सुबह 11 बजे का है और शनिवार रविवार मेरा ऑफ रहता है। में रोज सुबह 7 बजे उठ जाता हूँ और फ्रेश होने के बाद बिल्डिंग के पास गार्डन में घूमने जाता हूँ, वहाँ बहुत लोग आते है, लेकिन लगभग ज्यादा उम्र के लोग आते है।

अब मेरी बहुत लोगों से हाय हैल्लो तक पहचान हो गयी थी। अब वहाँ उसी टाईम पर एक अंकल आते थे और रोज़ मुझे स्माईल के साथ हैल्लो बोलते है और मेरी धीरे-धीरे उनसे दोस्ती हो गयी। उन्होंने अपना नाम सुरेन्द्र बताया, उनकी उम्र 46 साल और वो गुजराती थे। अब हम धीरे-धीरे साथ-साथ जॉगिंग करने लगे और फिर हम धीरे-धीरे पर्सनल बातें भी करने लगे, शादी क्यों नहीं की? घर में कौन कौन है? फिर मैंने भी उनके घर के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वो स्टॉक ब्रोकर है और घर में उनकी बीवी जो हाउस वाईफ है और उनके 2 लड़कियां है, एक पुणे में MBBS कर रही है और एक लड़की साथ में रहती है वो मुंबई में कॉलेज में पढ़ती है और ये भी पता चला कि वो मेरी सामने की बिल्डिंग में ही रहते है। एक बार जॉगिंग करते-करते उन्होंने मेरा उनके साथ में फोटो लिया और बोले कि अब हम दोस्त है।

फिर एक दिन उन्होंने मुझे घर पर इन्वाइट किया कि चलो चाय पीते है तो मैंने बताया कि ऑफिस जाना है तो लेट हो जायेगा, में शनिवार को आऊंगा। फिर शनिवार को उन्होंने मुझे याद दिलाया तो मैंने कहा कि अभी मैंने शॉर्ट्स पहन रखा है, में घर जाकर चेंज करके आता हूँ तो उन्होंने बोला कि अरे चलेगा कोई प्रोब्लम नहीं है। फिर में उनके साथ चला गया और जब उनके घर में उनकी बीवी ही थी, फिर उन्होंने दरवाजा खोला और मुझे ऐसे हाय किया जैसे कि वो मुझे पहले से ही जानती है, फिर मैंने भी हाय बोला, अब हम ड्रॉइग रूम में बैठ गये। फिर उन्होंने बताया कि उनकी बेटी अभी सो रही है, आंटी दिखने में सही लग रही थी, वो लगभग 42 साल की उम्र में भी अच्छी लग रही थी। फिर उन्होंने अपना नाम दक्षा बताया, मुझे भी मेच्यूर लेडीस ही पसंद है तो मेरी भी बार-बार नज़र उन पर ही जा रही थी। फिर वो बोली कि चाय लेकर आती हूँ और में और अंकल बात करने लगे।

फिर थोड़ी देर में वो चाय लेकर आ गयी, वो 2 कप चाय लेकर आई थी और एक कप मुझे दिया और दूसरा खुद लेकर मेरे पास बैठ गयी। तो मैंने बोला कि अंकल आप नहीं लेंगे, तो अंकल ने बोला कि में चाय नहीं पीता औट बोले कि तुम चाय पीयो, में नहाकर आता हूँ और वो चले गये। अब मुझे थोड़ा अजीब सा लगा कि मुझे घर पर बुलाकर खुद नहाने चले गये। अब आंटी मेरे पास बैठकर चाय पी रही थी और इधर उधर की बात कर रही थी। अब मेरी नज़र बार-बार उनकी छाती पर जा रही थी, क्योंकि मुझे औरतों की छाती देखने में मज़ा आता है। फिर थोड़ी देर में अंकल नहाकर आ गये, तो मैंने बोला कि अब में चलता हूँ। तब आंटी ने बोला कि आते रहना। फिर में ओके बोलकर वहाँ से निकल गया।

फिर एक दिन अंकल जॉगिंग करते-करते बोले कि चलो शनिवार को मूवी देखने चलते है तो मैंने भी हाँ बोल दिया, क्योंकि में फ्री ही था। फिर उन्होंने 3 बजे बिल्डिंग के नीचे मिलने को बोला और बोला कि उनकी कार से जायेंगे। फिर मैंने शनिवार को तैयार हो कर अंकल को कॉल किया तो वो बोले कि नीचे आ जाओ वो तैयार है। फिर में नीचे गया और इतने में वो भी आ गये। फिर में कार का आगे का दरवाजा खोलकर बैठने वाला ही था तो उन्होंने बोला कि पीछे बैठो दक्षा को भी कंपनी मिलेगी। फिर मैंने पीछे देखा तो उनकी वाईफ थी तो में पीछे बैठ गया और पूछा कि हम तो दोनों ही जाने वाले थे ना, तो अंकल बोले कि ये भी बोर हो रही थी तो आ गयी, तो मैंने कहा कि गुड। उन्होंने कुर्ती और जीन्स पहन रखी थी और उनके बूब्स बड़े-बड़े नजर आ रहे थे। अब अंकल गाड़ी चला रहे थे और हम दोनों पीछे बैठे बात कर रहे थे, तो मैंने देखा कि अब उनकी नज़र बार-बार मेरी जीन्स पर जा रही थी, जहाँ लंड होता है। अब ये देखकर मेरा भी लंड टाईट होने लगा और ऊपर से नज़र आने लगा था।

फिर थोड़ी देर में हम थियेटर पहुँच गये, वहाँ हमने मूवी के 3 टिकट लिए और अंदर चले गये। अब आंटी अंदर जाकर पहले साईड में जाकर बैठी तो अब में एक कुर्सी छोड़कर बैठने वाला था। फिर अंकल ने बोला कि तुम आंटी के पास बैठो, तो में आंटी के पास बैठ गया और अंकल मेरी साईड में बैठ गये। अब मूवी के दौरान मैंने अपना एक हाथ कुर्सी के साईड स्टैंड पर रखा था और अब आंटी को मेरा हाथ बार-बार टच हो रहा था। अब मुझे ऐसा लग रहा था कि वो जानबूझ के कर रही है और जब भी कॉमेडी सीन आता तो वो हँसते-हँसते मेरी जांघ पर हाथ मार रही थी। अब मुझे भी अच्छा लग रहा था और मेरा लंड टाईट हो गया था। फिर एक बार कॉमेडी सीन आया तो उन्होंने अपना हाथ मेरी जांघ पर मारा और हटाया नहीं तो मैंने कुछ नहीं बोला और वो अपना हाथ थोड़ा ऊपर सरका कर मेरे लंड पर ले आई। अब मुझे लगा कि ये अंजाने में हुआ है। फिर थोड़ी देर में उन्होंने धीरे से मेरे लंड को दबाया तो में समझ गया और फिर मैंने तुरंत अंकल की तरफ देखा तो वो मूवी देख रहे थे।

फिर मैंने आंटी की तरफ देखा तो उन्होंने मेरी तरफ स्माइल दी। फिर मैंने अपनी एक कोहनी कुर्सी के साईड स्टैंड पर रखी तो आंटी स्टैंड से चिपक कर बैठ गयी। अब उनके बूब्स मेरी कोहनी पर महसूस हो रहे थे और अब में भी धीरे-धीरे अपनी कोहनी से उनके बूब्स दबाने लगा था। फिर मूवी ख़त्म हो गयी तो हम घर आ गये। फिर अगले शुक्रवार को अंकल ने बोला कि हम तीनों मूवी देखने वापस जाते है तो में खुश हो गया। अब हमारा शनिवार का 4 बजे का फिर तय हुआ। फिर शनिवार को मुझे अंकल का कॉल आया कि उनको कुछ ज़रूरी काम है तो वो नहीं आ सकते है और तुम और दक्षा चले जाओ। मैंने पहले थोड़ा ना नुकर किया तो उन्होंने मुझे फोर्स किया और में तैयार हो गया। फिर में नीचे गया तो थोड़ी ही देर में आंटी भी कार लेकर आ गयी, में आगे बैठ गया। फिर उन्होंने मुझे स्माइल देकर बोला कि मूवी रहने दो और हम हाइवे की तरफ घूमने चलते है तो में मान गया।

फिर थोड़ी देर में हम हाइवे पर आ गये और फिर उन्होंने अपना एक हाथ सीधा मेरे लंड पर रखा और बोली कि तुम्हारा बड़ा लंबा है तो में हंस दिया, लेकिन अब मेरी नज़र आस पास की गाड़ीयों पर थी कि कोई हमें देख तो नहीं रहा है। फिर थोड़ी देर में हम मुंबई से थोड़ा बाहर आ गये तो उन्होंने कहा कि दिखाओ तो सही फिर तो मैंने अपनी पेंट की चैन खोलकर अपना लंड बाहर निकाल दिया तो वो बोली कि वाह्ह तुम्हारा लंड बहुत मस्त है और एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर गाड़ी चलाने लग गयी। फिर हम मुंबई से ज्यादा बाहर आ गये अब उन्होंने एक छोटे रास्ते पर गाड़ी घुमा दी और साईड में रोक ली और मुझे बोली कि तुम देखो और कोई दूर से आए तो बता देना। फिर उन्होंने झुककर मेरे लंड को मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी, अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

फिर में उनकी कुर्ती में हाथ डालकर उनके बूब्स दबाने लगा। फिर मैंने उनसे कहा कि ऐसे ही चूसोगी तो मेरा पानी निकल जायेगा। फिर वो बोली कि निकलने दो जब निकलने वाला हो तो बता देना। अब मैंने एक हाथ उनकी चूत पर रखकर बोला कि यहाँ निकालूँगा तो आपको भी और मुझे भी मज़ा आयेगा। फिर वो बोली कि यहाँ नहीं फिर कभी, तो में भी मान गया और अब मेरे पास मानने के अलावा कोई रास्ता ही नहीं था। फिर थोड़ी देर के बाद मेरा निकलने वाला था तो मैंने उनका सिर पकड़ कर हटा दिया और वो मेरे लंड को ज़ोर-जोर से हिलाने लगी और मेरा पानी निकल गया। जब मेरा पहली बार बहुत सारा पानी निकला तो वो बोली कि अरे वाह इतना सारा पानी। फिर मैंने साफ किया और फिर हमने हाइवे पर आकर एक होटल में खाना खाया और फिर हम मुंबई के लिए निकल गये। फिर आते टाईम उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर अपनी कुर्ती में डलवाया और बोली कि दबाओ तो में भी दबाने लगा। फिर हम घर आ गये, फिर उन्होंने मुझे बिल्डिंग के नीचे उतार दिया। फिर दूसरे दिन जब में जॉगिंग पर गया तो मुझे वहाँ अंकल मिले तो मैंने उन्हें हाय हैल्लो किया और हम दोनों जॉगिंग करने लगे।

अब जॉगिंग होने के बाद अंकल ने बोला कि चलो थोड़ा टाईम बैठते है तो हम बेंच पर बैठ गये। तब अंकल ने बोला कि दक्षा का मजा कैसा था? तो में एकदम से हैरान हो गया और मैंने कहा कि क्या किधर में कुछ समझा नहीं? तो वो बोले कि चिंता मत करो, मुझे सब पता है, दक्षा ने मुझे सब बताया और मैंने ही तुम दोनों को अकेले भेजा था। उस दिन थियेटर में भी जब दक्षा तुम्हारे लंड पर हाथ रख रही थी तो मुझे सब पता था। अब में चुपचाप हो गया और अब में कुछ बोल ही नहीं रहा था। तब अंकल ने बोला कि चिंता मत करो ये उनका ही प्लान है। फिर उन्होंने बताया कि उनकी सेक्स लाईफ बहुत बोरिंग हो गयी है और दक्षा को भी मज़ा नहीं आता है और उनकी ये इच्छा है कि वो दक्षा को किसी और से चुदते हुए देखे और वो कब से सही आदमी तलाश रहे थे। फिर में मिला तब जाकर मेरी जान में जान आई, लेकिन अभी भी मुझे थोड़ा बुरा महसूस हो रहा था, अब ये सब मेरे लिए नया था। फिर अंकल बोले कि तुम दक्षा को चोदोगे? तो मैंने जोश में हाँ तो बोल दिया, लेकिन अब मन ही मन डर भी लग रहा था। दोस्तों ये कहानी आप Sonixx पर पड़ रहे है।

फिर उन्होंने बताया कि उनका एक फ्लेट है और वो खाली है और अगले शनिवार को चलेंगे। फिर मैंने हाँ कर दी और घर आ गया, अब में मन ही मन खुश था, लेकिन थोड़ा नर्वस भी था। फिर जैसे तैसे करके वो हफ्ता निकला। फिर शनिवार को अंकल ने बोला कि दोपहर में 2 बजे तैयार रहना तो मैंने ओके कहा और घर आ गया। फिर 2 बजे मुझे अंकल का फोन आया कि वो नीचे आ गये है तो अब में भी नीचे गया और जाकर कार में पीछे आंटी के साथ बैठ गया। आज आंटी ने साड़ी पहन रखी थी और वो बहुत मस्त लग रही थी। अब में कार में बैठा तो आंटी मुझसे चिपक कर बैठ गयी। फिर अंकल ने पीछे देखा और स्माइल कर दी, लेकिन अब मुझे डर भी लग रहा रहा और शर्म भी आ रही थी।

फिर हम अंकल के फ्लेट पर आ गये, उनका फ्लेट एक बिल्डिंग के सातवें फ्लोर पर था। फिर हम अंदर आकर सोफे पर बैठ गये और आंटी सीधी आकर मेरी गोद में बैठ गयी और मुझे लिप किस करने लग गयी, लेकिन अब मुझे अंकल को देखकर थोड़ी शर्म आ रही थी। फिर अंकल बोले कि यार बिंदास कर और ये बोलकर अंकल ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और बोले अब तो बिंदास कर, चोद मेरी दक्षा को। अंकल का लंड खड़ा हुआ नहीं था और थोड़ा छोटा था। फिर वो अपने लंड को हिलाने लग गये। फिर मुझे भी हिम्मत आई और में आंटी के बूब्स दबाने लगा। फिर आंटी ने अपनी साड़ी का पल्लू हटाकर अपने ब्लाउज के बटन खोल दिए और अपनी ब्रा ऊपर करके बूब्स बाहर निकाले और बोली कि चूस ज़ोर से। अब में उनका एक बूब्स चूस रहा था और दूसरा दबा रहा था, लेकिन उनके बूब्स थोड़े ढीले थे, लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा था। फिर मैंने देखा कि अंकल सोफे पर बैठकर अपना लंड हिला रहे थे। फिर आंटी ने अपनी साड़ी को उतार दिया और पेटीकोट को भी उतार दिया और मेरा एक हाथ पकड़ कर बोली रगड़ इसको तो में अपना लंड रगड़ने लग गया, अब आंटी मौन कर रही थी।

फिर मैंने उसे पकड़ कर बेड पर लेटा दिया और साथ ही खुद भी लेटकर अपने एक हाथ से बूब्स और दूसरा हाथ उसकी चूत पर ले गया और रब करने लगा। फिर 10 मिनट तक मसाज करते हुए हम दोनों गर्म हो गये थे। अब मेरा लंड जो कि 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था अपने पूरे रूप में आ चुका था। अब आंटी अहह अहह की आवाज़ करने लगी और कहने लगी कि और चूसो और चूसो। फिर में थोड़ा नीचे आया और उनकी नाभि और पेट पर किस करने लगा और साथ ही साथ चूत रगड़ने लगा और साथ ही अपनी एक उंगली उनकी चूत के छेद में डालने लगा। अब आंटी की चूत गीली हो चुकी थी और मेरी उंगली आसानी से अंदर जाने लगी। फिर मैंने अपनी दूसरी उंगली भी डाल दी, उसके बाद में आंटी को अपनी उंगली से पेलता रहा और अब आंटी ज़ोर से ज़ोर से आहह आ की आवाज़ निकालती रही।

फिर मैंने अपना मुँह आंटी की चूत पर लगा दिया और काटने लगा और अपनी जीभ उनकी चूत की गहराई में डालने लगा, अब आंटी पागल होने लगी थी और चाटो और चाटो और चाटो कहने लगी थी। अब जब में चूत चाट रहा था तो अंकल आंटी के मुँह के पास आकर अपना लंड उनके मुँह में देने लगे, अब अंकल का लंड भी टाईट हो गया था, लेकिन अब वो छोटा था। फिर में उठा और अपना लंड उनके हाथ में दे दिया तो वो मेरे लंड को हिलाने लगी और आगे पीछे करने लगी। अब मेरा लंड भी अपने पूरे उफान पर था तो इतने में अंकल मेरा लंड अपने हाथ में लेकर हिलाने लगे और बोले कि तेरा लंड मस्त है, चोद दक्षा को, मुझे परेशान करती रहती है कि चोदो चोदो, लेकिन में उतना नहीं चोद पाता। अब मेरी भी शर्म ख़त्म हो गयी थी, फिर आंटी मेरा और अंकल का लंड एक साथ चूसने लगी थी। अब वो मेरा लंड अपने मुँह में लेती तो अंकल का हिलाती और अंकल का लंड हिलाती तो मेरा मुँह में लेती। फिर वो हम दोनों का लंड एक साथ लेने की कोशिश करने लगी।

फिर अंकल बोले कि मेरा मत करो वरना निकल जायेगा। फिर वो साईड में बैठ गये और फिर आंटी मेरा लंड चूसने लगी। अब मेरा लंड मुँह में लेते ही मेरा जोश और बढ़ने लगा था और अब आंटी ने मेरा लंड पकड़ कर हिलाना शुरू किया और अब में भी इस बीच आंटी की चूत में उंगली कर रहा था और साथ ही बूब्स मसाज कर रहा था। फिर आंटी उठी और मेरे ऊपर आकर बैठ गयी और कहा कि अब मुझे चोदो और कहते ही मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर लगाकर धीरे-धीरे बैठने लगी। अब उनकी चूत पूरी गीली होने की वजह से मेरा लंड आसानी से अंदर जाने लगा और वो आहह सस्सईईई की आवाज़ करते हुए आंटी ने मेरा पूरा लंड अंदर ले लिया। अब मेरा लंड उनकी बच्चेदानी को टच करने लगा था, और अब अंकल पास में बैठकर सब देख रहे थे। फिर आंटी ने उछलना स्टार्ट कर दिया तो मैंने भी उनकी कमर पकड़ कर नीचे से लय मिला दी और धीरे-धीरे हम दोनों ने अपनी स्पीड तेज कर दी।

 

अब आंटी के बूब्स हवा में लहरा रहे थे और अब यह देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने आंटी को पकड़ कर नीचे पलट दिया और उनकी जाँघो के बीच आकर उनकी चूत में अपना लंड डाल रहा था तो अंकल ने बोला कि रूको और वो मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी। अब में हैरान हो गया, लेकिन मुझे सेक्स चढ़ा था तो मैंने कुछ नहीं बोला और आंटी की चूत में उंगली डालने लगा। फिर अंकल ने मेरा लंड पकड़ कर आंटी की चूत पर लगाया तो मैंने धक्का देकर अपना लंड अंदर कर दिया। फिर मैंने उनके बूब्स पकड़ कर शॉट लगाने शुरू ही किए थे कि आंटी झड़ गयी और ढीली पड़ गयी, लेकिन में अभी काफ़ी दूर था तो मैंने अपने शॉट एक ही स्पीड पर रखते हुए उन्हें किस करता हुआ उनके बूब्स मसल रहा था। अब आंटी फिर से जोश में आ गयी थी।

फिर में उठा और उन्हें घोड़ी बनने को कहा तो वो जल्दी से घोड़ी बन गयी। फिर मैंने पीछे से उनकी चूत में अपना लंड डाला और वो हल्के दर्द के साथ मेरा साथ देने लगी। अब आंटी अपने एक हाथ से अंकल का लंड हिला रही थी। फिर थोड़ी देर में अंकल का पानी निकल गया और वो ढीले होकर लेट गये और हमें देख रहे थे। फिर करीब-करीब 10 मिनट और शॉट लगाते हुए मैंने अपना सारा पानी उनकी चूत में अंदर ही छोड़ दिया और मेरे साथ ही आंटी भी झड़ गयी। फिर आंटी बोली कि मज़ा आ गया और मेरे लंड को किस किया। फिर में थोड़ी देर बैठा, फिर में अपने कपड़े पहन कर घर आ गया। उसके बाद हम हर शनिवार को अंकल के सामने चुदाई करते है ।।

धन्यवाद …

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